Thursday, November 24, 2011

एक दिन ....

एक दिन
बदलेगा मंज़र
मुस्कुराएगा ये बंजर


एक दिन
आएगी वो सुबह गीत नए कल के सुनाती
वो शाम गुनगुनाती


एक दिन
ना लगेंगे कोई कयास
पूरे होंगे हर सपने हर प्रयास


एक दिन
मिलेगा जिसका था कब से इंतज़ार वो शख्स
लौट आएगा मेरे पास मेरा खो चुका अक्स



एक दिन
पूरे होंगे सब सपने
साथ होंगे सब अपने

एक दिन
रहेगा न कोई राज
मौत भी छेड़ेगी जिंदगी का साज़



एक दिन मिटेगा
 हर दर्द ,हटेगी सीने पर ज़मी गर्द

एक दिन .....

-योगेश पारीक

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