Friday, July 22, 2011

सीने में दफ़न है कई दर्द छुपे है कई राज
फिर भी किसी को नहीं बताते हो
चेहरे में ओढ़ ख़ुशी का नकाब
खुद ही को क्यों बेवकूफ बनाते हो
जब लेकर आता है कोई इन्द्रधनुष दर पर
.तो रौशनी से डर दरवाजे बंद कर लेते हो
पर फिर भी .उस नन्ही से किरण को दिल में उतरने से
कहा रोक पाते हो

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