Wednesday, December 17, 2014

एक जगह बहुत से समझदार ज्ञानी लोग चर्चा कर रहे थे
इश्वर की धर्म की तो मैंने सोचा चलो थोड़ी ज्ञान की बाते सुन ले अपने भी काम आएगी ।
तो उनसब की चर्चा का विषय था धर्मान्धता और एक इश्वर
सभी बड़े बढ़ चढ़ कर कह रहे थे ये धर्म के नाम पर होने वाला पागलपन बंद होना चाहिए
लोगो को समझना चाहिए की इश्वर तो एक है
इसी तरह की बाते हो रही थी।
अब ये मलंग ठहरा मूर्ख अज्ञानी तो कर बैठा एक सवाल
मैंने कहा महानुभावों बात तो आप एकदम ठीक कह रहे हो की ईश्वर एक है और ये धर्म के नाम पर होने वाले ढकोसले और लड़ाई दंगे बंद होने चाहिए।
आप सब लोग बुरा ना माने तो एक सुझाव दू?

आप सभी ज्ञानी हो आपकी बात का वजन होता है आपकी बात सभी सुनते है तो क्यों ना आप एक इश्वर का प्रचार करे सब लोगों को पता है की ईश्वर एक है पर प्रोब्लम ये है की लोगों को चाहिए एक नाम एक कहानी इश्वर की तो आप सब मिलकर सोच ले एक इश्वर का नाम और कहानी।

बस इतना बोलना था की उन सब ज्ञानी लोगों का रूप परिवर्तन होने लगा
सबसे पहले हिन्दू वाले ज्ञानी जी के सर पर टीका चोटी प्रकट हुइ जब उन्होंने कहा इसमें कोई दो राय ही नहीं की इश्वर एक है और वो विष्णु के सिवा कोई हो ही नहीं सकता बाकि सब तो उनके अवतार है
इतना कहना था की मुस्लिम ज्ञानी जी का भेस बदल गया कहे का विष्णु इश्वर का कोई रूप नहीं इसलिए अल्लाह के सिवा कोइ और इश्वर हो ही नहीं सकता इसी केसाथ उनके सर पर टोपी और चेहरे पर बड़ी सी ढाढ़ी दिखने लगी

ये सुन कर ईसाई बुद्धिजीवी कहा चुप रहने वाले थे
कहने लगे जीसस के सिवा कोई और इश्वर हो ही नहीं सकता उनके जनम मरण और पुनर्जन्म से साबित होता है की वो इकलौते इश्वर है

इसी तरह सिख यहूदी बौद्ध जैन सब अपने अपने इश्वर को बखान करने लगे और कुछ ही देर में ये समझदारी का चोगा पहने ज्ञानी गली के कुत्तों की तरह एक दुसरे पर झपटने लगे
ये मलंग चुपचाप उठा और सबके झूठे नकाब झोले में डाले और ऊपर आसमान की तरफ देख मुस्कुराया और चल पड़ा थोड़े और नकाब अपने झोले में भरने

- दूसरा मलंग

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