Saturday, February 23, 2013

Idiot Individual Speaks- What is Pure


खालिस क्या है जो शत प्रतिशत शुद्ध है बिना किसी मिलावट के
क्या वो प्रेम है क्या वो सच्चाई है क्या वो दोस्ती है क्या वो मान है
नहीं इनमे से कोई भी नहीं
क्या ऐसा प्रेम है जिसमे कोई और विचार ना आया हो कभी
क्या ऐसी सच्चाई है कोई जिसे कभी बनाया संवारा ना हो
क्या कोई मान है ऐसा जो हमेशा नि स्वार्थ भाव से दिया हो
कितना भी कोशिश कर ले ये सब कभी शत प्रतिशत शुद्ध खालिस नहीं होते
रत्ती भर ही सही पर मिलावट होती ही है इन सब में भी

तो फिर खालिस क्या है
सुनने में शायद अजीब लगे पर
नफरत इर्ष्या लालच प्रतिशोध अपमान ये सबसे शुद्ध है
प्रेम में कुछ कर गुजरने को हम एक बार हिचकिचा जाये पर नफरत प्रतिशोध के लिए एक क्षण सोचे बिना भी हम कुछ भी करने को तैयार हो जाते है
सच में मिलावट हो सकती है पर झूठ तो खालिस ही होता है
प्रेम शत प्रतिशत हो ना हो वासना हमेशा शुद्ध होती है उसमे प्रेम की मिलावट कभी नहीं होती
दोस्ती में बराबरी की या द्वेष की मिलावट हो सकती है पर दुश्मनी में नहीं

कितने आश्चर्य की बात है न की हर बुरी बात खालिस होती है और हर अच्छी बात में मिलावट
इसे ही तो कहते है इंसानी फितरत
-दुसरा मलंग

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