यश मेरा अपयश बना
मान अपमान में बदल गया
सफल से असफल बना मैं ऐसा स्थिर से भी अस्थिर हो गया
बस गिरने को ही था
उलाहना देके इस अपशकुनी "अ" को
के बाधा दिया एक और पग मंजिल के तरफ
बस गिरने को ही था
उलाहना देके इस अपशकुनी "अ" को
के बाधा दिया एक और पग मंजिल के तरफ
और साधारण से असाधारण हो गया